मैं पिछले तीन दशक से भी अधिक समय से अध्यापन कर रही हूँ और स्कूली शिक्षा प्राप्त किए चालीस साल होने को हैं, पर अब भी जब मैंने अपनी इंटरकॉलेज की हिंदी-प्रवक्ता परम आदरणीय श्रीमती उषा वैश्य जी को फेसबुक पर देखा तो मन से अपने बचपन में लौट गयी और उस समय के दृश्य मेरे सामने दौड़ने लगे , तैरने लगे।
आज उनका जन्म- दिन है मैं हृदय से उनके सुखद और स्वस्थ जीवन के लिए शुभकामनाएं करती हूँ ईश्वर उन्हें स्वस्थ और दीर्घ जीवन प्रदान करें ।
उषा मैम ने पहले मुझे छठी और सातवीं कक्षा में संगीतपढ़ाया था, फिर वह स्वयं उच्च शिक्षा प्राप्त करने चली गयीं और उसके बाद हमारी हिन्दी प्रवक्ता बनकर आयीं और हमें पढ़ाया।
मुझे गर्व है कि मुझे अति आदर्श अध्यापिकाओं से शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य मिला। यूं तो कालेज, विश्विद्यालय एवं कुछ संस्थानों से भी शिक्षा प्राप्त की पर स्कूली अध्यापकों का प्रभाव सर्वाधिक रहा। इतने लम्बे समय बाद भी कक्षा में पढ़ाते समय मुझे अपने अध्यापक याद आते रहते हैं उनकी छवि मेरे सामने बहुधा आ जाती है ।