कन्हैया पर पुरानी पोस्ट पुनर्प्रकाशित है। एक बार कुछ और भी लिखा था।
कन्हैया जन्मे
त्रिभुवन हरषे
पुष्प बरसे।
भादौं की रात,
कृष्ण-पक्ष अष्टमी,
रोहिणीचाल।
घिरा तिमिर,
बादलों की घुमड़,
चाप चमक।
कारावास में,
यशोदा-वसुदेव,
जन्मे अशेष।
सूप में डार,
वसुदेव बेहाल,
भागे जमुना।
जमुना हँसें,
उमड़ी हवै पड़ें,
चरण छुवैं।
छत्र से बने,
फनिया शेषनाग,
प्रार्थना करें।
हाल-बेहाल,
घबराये अपार,
पहुँचे द्वार।
कन्हैया दै के,
योगमाया लै लीनी,
भागे मथुरा।
कंस जगाए,
कारावास में आए,
कन्या थमाए।
हाथ ना आई,
भविष्यवाणी सुना,
कन्या मुस्कायी|
ओ! मूर्ख सुन
अवतार भुवन!
निमष गिन!
देवकी जन्मे,
यशोदा के लाड़ले,
गोप बने हैं।
धेनु चराईं,
यमुना तट जाई,
वंशी बजायी।
दाऊ भइया,
तेरो पूत मइया,
कारो कन्हैया?
माखन चोरी,
गोपियों की ठिठोली,
लीला ये तोरी।
श्यामकिशोरी,
कुंजन में नहौरी,
यौं बरजोरी।
चाँदनी रात,
वृंदावन तड़ाग,
है महारास।
जाय मथुरा,
कंस लियो पछाड़,
प्रजा उद्धार।
कृष्ण-मुरारि,
चितचोर कन्हैया,
मुरली धारी।
राक्षस खींच,
जरासंध विदारे,
द्वारिकाधीश|
रुकमि रानी,
राजन बनमाली,
सोहें जू आली।
टैग: श्रीकृष्ण-जन्माष्टमी
अगस्त 15, 2009 को 20:08 |
बहुत सुन्दर
अगस्त 14, 2009 को 18:22 |
श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ। जय श्री कृष्ण!!
—-
INDIAN DEITIES
अगस्त 14, 2009 को 14:26 |
क्या कहूँ …आपकी इस रचना ने मुग्ध और रोमांचित कर दिया….
मेरे पास इसकी प्रशंशा को एक भी शब्द नहीं…..
धर्म धरणी और गौ माता के रक्षक प्यारे गोपाल यशोद नन्द के लाल की सदा जय हो….
अगस्त 14, 2009 को 11:28 |
बहुत सुन्दर…. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ…जय श्रीकृष्ण !!
अगस्त 13, 2009 को 20:11 |
बहुत सुन्दर जय कन्हैयालाल की
अगस्त 13, 2009 को 19:50 |
अच्छी रचना .. जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई !!
अगस्त 13, 2009 को 19:28 |
bahut hi sunder,janamashtami ki bahut badhai
अगस्त 13, 2009 को 18:52 |
बहुत नायाब ..जन्माष्टमी की घणी रामराम.
रामराम.
अगस्त 13, 2009 को 18:13 |
जन्माष्टमी की हार्दिक बधाई.
( Treasurer-S. T. )
अगस्त 13, 2009 को 17:40 |
aapaki kawita ke liye kuchh kahane ka matalab suraj ko dipak dikhane jaisa hai ……………………………………………………………………..
अगस्त 13, 2009 को 17:12 |
बहुत सुन्दर.
उ०= धन्यवाद!