बुराई सबके लिए बुराई है फिर उसी राह पर चलना कहाँ की भलाई है। सामना करने की ताक़त समझ बढ़ाने और एकता बनाने से मिलती है न कि पतनशील रास्ते जाने से।
टैग: पतनशील रास्ते
बुराई सबके लिए बुराई है फिर उसी राह पर चलना कहाँ की भलाई है। सामना करने की ताक़त समझ बढ़ाने और एकता बनाने से मिलती है न कि पतनशील रास्ते जाने से।
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फ़रवरी 16, 2009 को 19:35 |
bilkul sahi kaha
फ़रवरी 16, 2009 को 19:14 |
कुश! क्या कहूँ? खुश रहें।
रंजनाजी और संगीताजी आपकी मेहरबानी।
फ़रवरी 16, 2009 को 18:13 |
Post of the Day!!
फ़रवरी 16, 2009 को 17:02 |
बहुत सही …
फ़रवरी 16, 2009 को 13:00 |
सही है…..