सोच लो

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बुराई सबके लिए बुराई है फिर उसी राह पर चलना कहाँ की भलाई है। सामना करने की ताक़त समझ बढ़ाने और एकता बनाने से मिलती है न कि पतनशील रास्ते जाने से।

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5 Responses to “सोच लो”

  1. mehek Says:

    bilkul sahi kaha

  2. premlata pandey Says:

    कुश! क्या कहूँ? खुश रहें।
    रंजनाजी और संगीताजी आपकी मेहरबानी।

  3. कुश Says:

    Post of the Day!!

  4. ranju Says:

    बहुत सही …

  5. संगीता पुरी Says:

    सही है…..

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